Law of the Gun | Hyderabad rape-murder case | Encounter Law in India In hindi

दोस्तों आज हम बात करेंगे encounter के बारे में और हमारे देश में encounter के ऊपर क्या law बने हुए है और किन-किन परिस्थिति में पुलिस encounter कर सकती हैं

Law of the Gun | Hyderabad rape-murder case | Encounter Law in India In hindi

दोस्तों आज हम बात करेंगे encounter के बारे में और हमारे देश में encounter के ऊपर क्या law बने हुए है और किन-किन परिस्थिति में पुलिस encounter कर सकती हैं
Encounter का सरल शब्दों में मतलब होता हैं आपस में मुठभेड और एनकाउंटर कोई कानूनी process नहीं हैं, ये एक accident हैं |
Fake encounter करना हमारे देश में गैरकानूनी हैं, अगर एनकाउंटर, police किसी मुल्ज़िम का भी कर दे तो भी ये गैरकानूनी ही हैं | हमारे देश में कानून बना हुआ हैं जिस के मुताबिक किसी भी मुल्ज़िम को पूरा हक हैं court में अपनी बात रखने का और सिर्फ court ही उस को सजा दे सकती हैं |

हमारे constitution के आर्टिकल 21 में साफ साफ लिखा हुआ हैं की किसी भी आदमी के अधिकार सिर्फ कानून द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार ही छीने जा सकते हैं |

हमारे कानून में लिखा हुआ हैं की कोई भी आदमी के पास किसी की जान लेने का right नहीं हैं, और पुलिस भी किसी जी जान नहीं ले सकती हैं | अगर police किसी मुल्जिम को मार देती हैं तो police वालो को भी वो ही सजा होगी जो एक murder करने पे होती हैं | लेकिन अगर पुलिस किसी को encounter में मारती हैं तो police वालो को ये साबित करना होगा की अगर वो मुल्ज़िम को नहीं मारते तो वो उन की जान ले लेता |

Police का सिर्फ इतना कहे देना की हमें शक था की ये भाग जायेगा या ये हमारी जान ले सकता था इसलिए हमने इस का encounter कर दिया कानूनी तौर पर सही नहीं हैं |

IPC के सेक्शन 97 और section 99 में private defence के बारे में बताया गया हैं |

अगर police को ये लगता हैं की मुल्जिम हमे बहुत गंभीर चोट पंहुचा सकता हैं या हमारी जान ले सकता हैं,  और मुल्जिम ऐसी स्तिथि उत्त्पन कर दे जिस से police को लगे की अब अगर हम ने इस पे attack नहीं किया तो ये हमारी जान ले सकता हैं | लेकिन अगर police के पास टाइम हैं की वो अपने आप को protect कर सकती हैं  तब उस स्तिथि में पुलिस private defence के नाम पे सामने वाले पे attack नहीं कर सकती हैं |

हमारे देश में पिछले 18 salo में 1800 से जयादा fake encounter हुए हैं जिन में कई मासूम लोगो की जान चली गयी हैं |
हमारे देश में fake encounter होने का की वजह हैं की कही बार जब public social media पे और सड़कों पे आ कर politician पे pressure बनाती हैं तब politicians अपनी seats बचने के लिए police पर fake encounter करने का प्रेशर बनाते हैं | और आम जनता पुलिस को सिंगम बुलाने लगती हैं |

कही बार तो ऐसा होता हैं की police अमीर और powerful criminals को बचाने के लिए किसी गरीब आदमी को मुल्जिम बता कर उस का encounter कर देती हैं |
हमारे देश में सब से जयादा fake encounter आंध्र प्रदेश में होते हैं उस के बाद UP में फिर ओड़िशा में होते हैं |

सैकड़ों ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस ने जनता के बीच बढ़ते असंतोष को दबाने के लिए बेकसूर लोगों का fake encounter कर दिया बाद में इन police वालो को कोर्ट से सजा हो गयी
High Court ने तो यहाँ तक कह दिया हैं की fake encounter की सजा मृत्यु दंड ही होनी चाहिए police का काम जनता की सेवा करना हैं न की मासूम लोगो की जान लेना

सोचिये क्या ये सही हैं, अगर कल आप किसी झूठे केस में फस जाये और police political pressure या पैसो के लालच में आ कर आप का ही encounter कर दे | तो आप के परिवार वालो का क्या होगा और जनता बोलगी मुल्जिम था अच्छा हुआ मर गया  भावनाओं में बहना ठीक है लेकिन इतना नहीं कि आप अनर्थ कर दें |